मालीगॉंव, 31 जुलाई: पूर्वोत्तर सीमा रेल नियमित रूप से ट्रेनों को निर्धारित समय पर चलाने के मामले में सुधार कर रही है। अप्रैल से जुलाई के आंकड़े दर्शाते हैं कि अप्रैल में 67.21% से मई में 69.46% से जून में 76.3% तथा जुलाई में 81% का सुधार हुआ है।
पूर्वोत्तर सीमा रेल ने ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार हेतु कई प्रयास किए हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।
- 9 जोड़ी ट्रेनों के शुरूआत एवं समाप्ति टर्मिनलों को गुवाहाटी एवं कामाख्या स्टेशनों के बीच अदला-बदली की गई। ऐसा कामाख्या तथा गुवाहटी स्टेशनों के बीच अनुभाग की भीड़ कम करने के उद्देश्य से किया गया है।
- 18 जोड़ी पारम्परिक पैसेंजर ट्रेनों को डीईएमयू ट्रेन में रूपांतरित किया गया है। डीईएमयू ट्रेनों की गति ज्यादा तेजी से बढ़ती और घटती है। इसके अलावा वे दोनों दिशाओं में चल सकती हैं, जिससे रेल इंजनों के दिशा परिवर्तन में लगने वाले समय की बचत होती है।
- डिब्रुगढ., गुवाहाटी एवं कामाख्या स्टेशन से रवाना होने वाली लंबी दूरी की 28 जोड़ी ट्रेनों के गठन को मानक बनाया गया।
- 15 मिनट से 25 मिनट के बीच आवागमन के समय को घटा कर 5 ट्रेनों की गति बढ़ाई गई।
- गुवाहाटी स्टेशन से गुजरने वाली 33 ट्रेनों के ठहराव के समय को पुनर्गठित किया गया।
- न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से गुजरने वाली 50 ट्रेनों के ठहराव के समय को पुनर्गठित किया गया।
- सिलीगुड़ी-न्यू बंगाईगॉंव डीईएमयू वाया सिलीगुड़ी-गुलमा अनुभाग के मार्ग में बदलाव किया गया।
- तीन ट्रेनों की समय सूची में परिवर्तन किया गया।
- 3 स्टेशनों बालुरघाट, रामपुर बाजार तथा गाजोल को बी श्रेणी में उन्नत किया गया।
- लगातार विलम्ब से चलने वाली ट्रेनों को चिन्हित कर उस पर नजर रखी जा रही है।
- ट्रेनों को पाबंद समय पर चलाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया।
पूर्वोत्तर सीमा रेल के एक टर्मिनल रेलवे होने की वजह से निम्नलिखित बुनियादी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।
- अन्य जोनों से आने वाली लिंक ट्रेनों के विलम्ब से आगमन के फलस्वरूप पुनर्निधारण।
- अन्य रेलवे द्वारा अत्यंत विलम्ब किए जाने के कारण ट्रेन विपथ हो जाना।
- बार-बार के बंद/आंदोलन इत्यादि।
हालांकि उच्चतम स्तर पर ट्रेनों की सख्त निगरानी करके रेलवे ने हालिया मील का पत्थर हासिल किया है।






